जोनाई, निज संवाददाता, 22अप्रैल :--- देश के अन्य भागों के साथ ही धेमाजी जिले के जोनाई महकमा के कमलपुर जामे मस्जिद में आज 22 अप्र...
जोनाई, निज संवाददाता, 22अप्रैल :---
देश के अन्य भागों के साथ ही धेमाजी जिले के जोनाई महकमा के कमलपुर जामे मस्जिद में आज 22 अप्रैल शनिवार को ईद मनाई जा रही है। इसे ईद-उल-फितर या मीठी ईद भी कहते हैं।
दो नंबर मुरकंगसेलेक रेलवे स्टेशन स्थित कमलपुर जामे मस्जिद के इमाम ईमआदआदउल इस्लाम ने आज सुबह करीब नौ बजे नमाज अता कराया।कमलपुर जामे मस्जिद के इमाम ईमआदआदउल इस्लाम ने संवाददाताओं को बताया कि पाक माह रमजान के आखिर में ईद-उल-फितर का त्योहार मनाते हैं। इसके साथ ही रोजा और रमजान माह खत्म हो जाता है।
पूरी दुनिया में मुसलमान हर्षोल्लास के साथ ईद का जश्न मनाते हैं।इस दिन लोग नए कपड़े पहनते हैं। एक दूसरे को गले लगकर ईद की मुबारकबाद देते हैं। ईद के मौके पर मीठी सेवई बनाई जाती है।पवित्र रमजान माह के प्रारंभ के साथ रोजा रखा जाता है।
हर दिन अल्लाह की इबादत की जाती है। रमजान के 29वें या 30वें दिन ईद-उल-फितर का त्योहार मनाते हैं। ईद-उल-फितर रमजान के खत्म होने का संदेश है। रमजान माह चांद के दिखने पर शुरू होता है और ईद भी चांद के दिखने पर ही मनाई जाती है।मुसलमानों का हिजरी कैलेंडर चांद पर आधारित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पूरे एक माह तक रोजा रखने और खुदा की इबादत करने पर अल्लाह ईद-उल-फितर को खुशी के तौर पर देता है।
ईद भाईचारे का संदेश देती है। ईद के दिन लोग जकात देते हैं। इसका अर्थ है कि हर सक्षम मुसलमान अपनी कमाई में से कुछ हिस्सा गरीबों में बांटता है, ताकि वे भी ईद की खुशी मना सकें। ईद नफरतों को भूलाकर आपसी प्रेम बढ़ाने का संदेश देती है।इस वजह से लोग अपने मनमुटावों को दूर कर खुशी से गले मिलते हैं और एक दुसरे को शुभकामनाएं देते हैं।इस मौके पर एक दूसरे को उपहार भी दिया जाता है।
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